हर रंग हमारा सुंदर है


रंगों पर तो रहम करो यह रंग तो सारे सुंदर हैं 

लाल हरा नीला केसरिया, सब श्रृंगार मनोहर  हैं 

रंगों का कुछ धर्म नहीं है, जात नहीं समुदाय नहीं 

सब की आँखो में सज जाते, मन में कुछ अन्याय नहीं 

रंगों से यूँ अर्थ ना बाँधो, हर्ष शोक मैं रंग ना बाँटो 

सूरज से सब साथ मैं आए इनका यह प्रसंग ना बाँटो 

भिन्न सुरों का सार सुरीला, काला गोरा लाल व पीला 

मिलने जुलने से होता है मानवता का रंग रंगीला 

रंगों का प्रसंग है धरती, धरती कब इक रंग से सजती 

पत्ते फूल कली और कोंपल, वृक्ष अंग भी भाँति भाँति 

इंद्र्धनुश की श्रोत एक है, हर जीवन की ज्योत एक है 

आँखों मैं गर मैल ना हो तो, विविदताओं की हौद एक है